A Long Term Friend :
किताबों से रखें पक्की दोस्ती
कहते हैं बेहतर जिंदगी का रास्ता बेहतर किताबों से होकर जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में लोग किताबों से दूर हुए हैं, जिससे जीवन के प्रति लोगों का नजरिया बदला है. शनिवार को वर्ल्ड बुक डे है. जो मौका है किताबों से दोस्ती करने का और बेहतरीन जीवन जीने के फलसफे को सीखने का.
बरकरार है किताब का महत्व
कंप्यूटर, इंटरनेट, वीडियो गेम आदि की दुनिया में किताबों का महत्व आज भी बरकरार है. किताबें पढ़ने से जहां भावनात्मक परिपक्वता आती है, नॉलेज बढ़ता है, वहीं कल्पना शक्ति का भी निर्माण होता है. अगर बात करें कहानियों की दुनिया की तो आपको लगेगा कि रिश्तों की बारीकियों को समझने और उसे डील करने में भी कहानी बहुत मदद करती है.
विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास
हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक डे मनाया जाता है. इस दिन स्पेनिश लेखक माइगुएल डी सवेंटस का निधन हुआ था. 1923 में स्पेन के एक बुक सेलर ने उनकी याद में पहली बार बुक डे मनाया था. यह संयोग ही है कि 23 अप्रैल मॉरिस डुआनॅ, व्लदिमीर नेबोकाव मेनुएल मीजा आदि लेखकों का बर्थडे भी है. इन सभी लेखकों को याद करने के लिए यूनेस्को ने 1995 से वर्ल्ड बुक डे मनाने की शुरूआत की. अगर किताबों की महत्ता को करीब से जानना चाहते हैं तो वर्ल्ड बुक डे पर अपनी मनपसंद कोई एक किताब जरूर पढि़ए और फिर देखिए आप विचारों की एक अलग ही दुनिया में पहुंच जाएंगे.
कब पढ़ें
कुछ लोग अक्सर कहते हैं कि नॉवेल, कविता और कहानी, बायोग्राफी, यात्रा वृतांत पढ़ने के लिए समय कहां है. लेकिन यह हकीकत नहीं, बल्कि बहाना है. पढ़ने के लिए समय निकालना पड़ता है. हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, फारसी व अन्य भाषाओं की सैकड़ों किताबें है. आप रोज रात को सोने से पहले कोई एक किताब पढ़ने का समय तय कर सकते हैं. इसी तरह छुंट्टी के दिन एक कहानी या नॉवेल शुरू कर सकते हैं. टूर पर हैं तो भी पढ़ने का अच्छा मौका होता है. तो शुरू हो जाइये..




